महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी जो एमएसडी या कैप्टन कूल के नाम से जाने जाते हैं। एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और इंडियन क्रिकेट टीम का कप्तान थे । वह खेल के एक महापुरुष के रूप में माने जाते हैं और खेल के मैदान पर और उसके बाहर भी अपने शांत स्वभाव के लिए काफी प्रसिद्ध है।



जन्म और क्रिकेट की शुरुवात



7 जुलाई 1981 को रांची झारखंड में जन्मे धोनी ने शुरुआती उम्र में खेल में रुचि दिखाई । और वह फुटबॉल और बैडमिंटन दोनों में सफल रहे हालांकि उनका ध्यान क्रिकेट पर आ गया ।

उन्होंने अपनी किशोरावस्था में ही क्रिकेट को काफी गंभीरता से खेलना शुरू किया । धोनी ने 1999 2000 रणजी ट्रॉफी सीजन में बिहार के लिए अपना डेब्यू किया और विकेटकीपर बैट्समैन के रूप में उन्होंने अपना नाम कमाया।

उन्होंने 2001 में झारखंड में जाना और स्टेट टीम के लिए खेलना शुरू किया जब तक उन्हें 2003 में इंडिया ए टीम के लिए चुने जाने का इंतजार करना पड़ा।

2004 में धोनी को बांग्लादेशी दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में चुना गया लेकिन उन्होंने अपना डेब्यू करने का मौका मुश्किल से मिला । उनका सपना आखिरकार दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ पूरा हो सका। लेकिन यहां किस्मत ने धोनी का साथ नहीं दिया और वह अपने पहले ही मैच में जीरो के स्कोर पर आउट हो गए।



जीरो से हीरो तक का सफर



धोनी ने अपने शुरुआती दिनों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी लड़ाइयां लड़ी और उनके अनोखे बैटिंग स्टाइल और शॉर्ट सिलेक्शन के लिए अक्सर तनाव का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने 2005 के सीजन में अपनी पहली वनडे सेंचुरी पाकिस्तान के खिलाफ लगाए और इसके बाद उनकी किस्मत चमकने लगी।

2007 में धोनी को इंडियन टीम के कप्तान के रूप में चुना गया और वह साउथ अफ्रीका में आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय T20 टूर्नामेंट में टीम को विजेता बनाने मैं सफल रहे। यहीं से पूरे भारत के कोने कोने में धोनी का पूरा नाम हो गया।



कप्तानी और सफलताएं

 


धोनी को 2007 में इंडियन वनडे टीम का कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2011 में वनडे विश्वकप का खिताब जीता 1983 के बाद भारत द्वारा जीता गया दूसरा ही वर्ल्ड कप था। इस जीत के बाद धोनी का सितारा मानो बुलंदियों पर पहुंच चुका था।

धोनी की कप्तानी के दौरान भारत ने नंबर 1 ओडीआई टीम होने का दर्जा भी हासिल किया । वह भारत की दूसरी सबसे अधिक ओडीआई विजेता कप्तान भी बन गए। धोनी के शांत स्वभाव उनकी भरोसेमंद कप्तानी और उनकी तेज क्रिकेटिंग सोच के कारण वह भारत के सबसे सफल कप्तान भी बन गए।


धोनी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उनकी कप्तानी के दौरान टीम ने बहुत सारी सफलताएं हासिल की । धोनी ने अपने खिलाड़ी होने के साथ ही देश सेवा के लिए भी अपना जीवन समर्पित किया है उनकी सेना के प्रति प्रेम की निशानी के रूप में 2011 में उन्हें इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद हासिल किया है ।



पुरुस्कार


धोनी को उनके स्वभाव और उनकी निष्ठा के लिए कई सम्मान भी प्राप्त हुआ है उन्हें 2009 में पद्मश्री और 2007 में राजीव गांधी खेल रत्न भारत के सबसे ऊंचे खेल सम्मान से सम्मानित किया गया था । उनको 2008 और 2009 में आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर भी चुना गया था।



निस्कर्ष



महेंद्र सिंह धोनी का करियर उनके खेल के टैलेंट मेहनत और क्रिकेट के प्रति दीवानगी का परिचय देता है। उनका शांत स्वभाव और इनोवेटिव कैप्टंसी और मैच खत्म करने की अद्भुत क्षमता उन्हें पूरी दुनिया में क्रिकेट प्रेमियों की दिल की धड़कन बनाता है । भारत के क्रिकेट के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी और कप्तान में से एक रहेंगे और उनका इतिहास आने वाली पीढ़ियों को भी पढ़ना पड़ेगा।

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